A Simple Key For sidh kunjika Unveiled
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देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी more info में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.